राजस्थान में सांगोद के विधायक भरतसिंह कुंदनपुर ने नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की प्रदेश में खनन विभाग में वित्तीय अनियमितता, अवैध खनन के मसले पर रिपोर्ट के बाद प्रदेश के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया से इस्तीफे की मांग की है।
राज्य के पूर्व केबिनेट मंत्री श्री सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा कि अब तो चेत जाइए। कैग ने अपनी रिपोर्ट में भी खनन विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार और प्रदेश में हो रहे अवैध खनन की शिकायतों पर अपनी मोहर लगा दी है और इसके लिए खनन विभाग को राजकोष में बड़े राजस्व नुकसान पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया है। इसके बावजूद यदि सरकार इस विभाग के मुखिया खान मंत्री श्री जैन भाया के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती तो यह स्पष्ट मान लेना चाहिए कि मुख्यमंत्री ने ही अपने मंत्री को खुले आम भ्रष्टाचार करने की छूट दे रखी।
श्री सिंह ने कहा कि श्री गहलोत ने उनके मुख्यमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के समय श्री जैन भाया को अपने मंत्रिमंडल में सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनाया था लेकिन बाद में उनकी ऐसी ही गतिविधियों को देखते हुए अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। ऐसे हालात में जब श्री गहलोत तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तो उन्होंने प्रमोद जैन भाया को मंत्री क्यों बनाया? मंत्री बनाया है तो इससे यह स्पष्ट संकेत है कि उन्हें भ्रष्टाचार करने के लिए ही मंत्री पद का दायित्व सौंपा गया।
उल्लेखनीय है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि खनन विभाग की लापरवाही के कारण राज्य सरकार के राजस्व में भारी छीजत हुई है और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए तकनीकी संसाधन निशुल्क उपलब्ध होने के बावजूद सरकार न केवल इस पर निगरानी रखने में विफल हुई बल्कि इस विफलता के साथ उसे रोक पाने में भी असक्षम साबित हुई है।
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